अखंड सौभाग्य एवं संतान दायक यह व्रत प्रतिवर्ष ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मनाया जाता है वट सावित्रि व्रत की यह कथा सत्यवान-सावित्रि के नाम से उत्तर भारत में विशेष रूप से प्रचलित हैं। कथा के अनुसार एक समय की बात है कि मद्रदेश में अश्वपति नाम के धर्मात्मा राजा का राज था| उनकी कोई भी संतान नहीं थी| …
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