LNMU संगीत एवं नाट्य विभाग दरभंगा में PG ड्रामा के छात्रों ने किया नाटक “धूर्त समागम” की सफल प्रस्तुति
दरभंगा : विश्वविद्यालय संगीत एवं नाट्य विभाग में स्नाकोत्तर ड्रामा अंतिम सेमेस्टर के छात्रों द्वारा आयोजित अपने प्रायोगिक परीक्षा में ज्योतिरीश्वर कृत अति प्राचीन नाटक धूर्त समागम की सफल प्रस्तुति की गई।
कलाकारों ने नाटक के माध्यम से समाज में व्याप्त अराजकता और धूर्तता का एक नंगा चित्रण प्रदर्शित किया है। नाटक प्रदर्शन में ये रोचक तथ्य देखा गया कि जहां भी देखें सब के सब धूर्त ही नजर आते हैं और एक माया रूपी गणिका को पाने में संसारी से सन्यासी तक, न्यायाधीश से अपराधी तक सब धन और काम को पाने में धूर्तता का कोई कसर नही छोड़ता।
बता दें कि मकवि ज्योतिरीश्वर ठाकुर की ये मूल रचना एक प्रहसन है जो संस्कृत में है, लेकिन इसे मंचीय प्रस्तुत के रूप में इसका प्रदर्शन आलेख डॉ अरविन्द अक्कू ने मैथिली भाषा में किया और आजकी जो प्रस्तुति थी वो हिंदी में हुई जिसका हिंदी अनुवाद व निर्देशन अमलेश कुमार आनंद ने किया।
नाटक के मुख्य चरित्र विश्वनगर अपने शिष्य स्नातक के साथ पूरे नाटक को बांध कर रखता है और नारी के प्रति अपनी कमजोरी को छुपाये नही छुपा पता है चाहे वो नायिका अनंगसेना हो या सूरत प्रिया।
मंच पर नाटक के कलाकार थे- मणिकांत चौधरी, संतोष कुमार, नीरज कुमार कुशवाहा, मोहित पाण्डेय, पियूष रंजन, मृतांगर ठाकुर, राहुल कुमार, नितेश कुमार , हरिनारायण कामत, सुनील कुमार, राहुल रंजन, .रूबी खातून, निकिता गुप्ता, नितेश कुमार।