पटना : कृषि विभाग द्वारा आज बामेती, पटना के सभागार कक्ष में सोशल डिसटेंसिंग के नियमों का पालन करते हुए राज्यस्तरीय समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया।
माननीय मंत्री, कृषि विभाग, बिहार अमरेन्द्र प्रताप सिंह ने इस बैठक में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की समीक्षा के क्रम में पाया कि वैसे किसानों को मात्र आयकर रिटर्न दाखिल करने, हालंाकि आय कर शून्य हो, के कारण इस योजना के लाभ से वंचित किया गया है, इसमे कुछ विसंगतियाँ प्रतीत हो रही है। इस संबंध में भारत सरकार को पत्र लिखकर मात्र आयकर रिटर्न दाखिल करने वाले, किन्तु आयकर शून्य रहने पर भी, किसानों को इस योजना का लाभ देने हेतु अनुरोध किया जाये। उन्होंने कृषि समन्वयक, अंचलाधिकारी तथा अपर समहत्र्ता के स्तर पर लंबित किसानों के आवेदनों को यथाशीघ्र निष्पादित करने का निदेश दिया।
माननीय मंत्री ने कहा कि भारत सरकार द्वारा फल एवं सब्जियों के विपणन हेतु किसान रेल की शुरूआत की गई है। बिहार में अभी सप्ताह में तीन दिन सोमवार, गुरूवार एवं शनिवार को किसान रेल मुजफ्फरपुर से दानापुर होते हुए महाराष्ट्र के मंमाड तक जाती है, जो फल एवं सब्जी उत्पादक किसानों एवं इससे जुड़े व्यापारियों के लिए बहुत लाभकारी है, क्योंकि रेल मंत्रालय द्वारा मालभाड़ा पर 50 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जाता है। किसानों को फल एवं सब्जी से जुड़े व्यापारियों को रेलवे के पार्सल केन्द्र तक अपने उत्पाद को पहुँचाना होगा, उसके बाद उत्पाद के लोडिंग एवं अनलोडिंग की जवाबदेही रेलवे की होगी। वर्तमान में बिहार के मुख्य फल आम, केला, लीची तथा मुख्य सब्जी बैगन, फुलगोभी, पत्तागोभी, आलू और प्याज की ढुलाई की व्यवस्था है। उन्होंने रेलवे के दानापुर डिवीजन के प्रमण्डलीय वाणिज्यिक प्रबंधक श्री प्रवीण कुमार को स्ट्राॅबेरी, मखाना एवं परवल की भी ढुलाई की व्यवस्था को भी इस योजना में सम्मिलित करने तथा किसान रेल का ठहराव आरा एवं डुँमराव में भी करने की व्यवस्था करने को कहा। साथ ही, सासाराम एवं मोहनियाँ से छोटे मालगाड़ी के माध्यम से फल एवं सब्जियों को मुगलसराय में अपलोड करने की व्यवस्था के लिए भी कहा।
प्रमण्डलीय वाणिज्यिक प्रबंधक, दानापुर ने माननीय मंत्री को बताया कि किसान रेल का विस्तार समस्तीपुर तक किया जा रहा है। साथ ही, मखाना के ढुलाई को भी सम्मिलित किया जा रहा है। अगर विभाग की तरफ से रेल मंत्रालय को प्रस्ताव आते है तो अन्य फल एवं सब्जियों को सम्मिलित करते हुए किसान रेल के ठहराव एवं छोटे मालगाड़ी की व्यवस्था कर दी जायेगी।
उन्होंने कहा कि जैविक कोरिडोर योजना के अंतर्गत 168 किसान समूहों का गठन हो चुका है, इन 168 समूहों में से 63 समूह सहकारिता विभाग तथा 105 समूह एफ॰पी॰ओ॰ में निबंधित है। बसोका द्वारा अभी तक 88 समूहों को जैविक खेती के लिए ब्.1 प्रमाण पत्र निर्गत किया गया है। माननीय मंत्री ने निदेश दिया कि फरवरी के अंत तक सभी 168 समूहों को ब्.1 प्रमाण पत्र निर्गत करने की प्रक्रिया पूर्ण कर ली जाये।
श्री सिंह ने कहा कि अभी तक विभिन्न योजना के अंतर्गत जिलों को आवंटित राशि का 70 प्रतिशत ही व्यय हुआ है। माननीय मंत्री ने निदेश दिया कि फरवरी माह के अंत तक विभिन्न योजना के अंतर्गत आवंटित राशि का शत्-प्रतिशत व्यय सुनिश्चित किया जाये। साथ ही, प्रतिदिन मुख्यालय स्तर से इसका अनुश्रवण भी किया जाये।
इस बैठक में आदेश तितरमारे, कृषि निदेशक, नंदकिशोर, निदेशक उद्यान, शैलेन्द्र कुमार, संयुक्त सचिव, डाॅ॰ जितेन्द्र प्रसाद, निदेशक बामेती सहित मुख्यालय तथा जिला स्तर के क्षेत्रीय पदाधिकारीगण भाग लिये।
