पटना- विधानसभा चुनाव में अपेक्षा के मुताबिक सीट नहीं मिलने और संगठन पर उठे सवाल के बाद JDU ने पार्टी संगठन में कई बड़े बदलाव किए हैं| जिसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष, प्रदेश अध्यक्ष सहित संगठन में और कई बदलाव किए गए. ये बदलाव पहले भी होते आए हैं लेकिन इस बार JDU ने पार्टी में पहली बार संगठन में नेताओं के बीच पावर का विकेंद्रीकरण किया है|
बता दें कि JDU ने पहली बार लोकसभा की तमाम सीटों पर लोकसभा क्षेत्र प्रभारी की नियुक्ति की है. विधानसभा की तमाम सीटों पर विधानसभा प्रभारी नियुक्त किये गए हैं. 41 ज़िला इकाईयों के लिए पहली बार मुख्य ज़िला प्रवक्ता नियुक्त किया गया है. युवा JDU प्रकोष्ठ के दक्षिण बिहार का अध्यक्ष, युवा JDU प्रकोष्ठ उतर बिहार अध्यक्ष की नियुक्ति, अति पिछड़ा प्रकोष्ठ उतर बिहार के अध्यक्ष की नियुक्ति, अति पिछड़ा प्रकोष्ठ दक्षिण बिहार के अध्यक्ष की नियुक्ति. महिला प्रकोष्ठ की बिहार अध्यक्ष बनाया गया तो साथ ही उसकी प्रभारी भी अलग से नियुक्त की गई.
हर विधान सभा के अलग-अलग प्रभारी बनाए गए जो विधानसभा के पार्टी संगठन को देखेंगे. उतर बिहार के महादलित प्रकोष्ठ के अध्यक्ष बनाए गए तो वहीं दक्षिण बिहार के अलग से अध्यक्ष बनाए गए. किसान प्रकोष्ठ के उतर बिहार के अध्यक्ष बनाया गया तो इनके साथ ही दक्षिण बिहार के अलग अध्यक्ष बनाए गए. यही हाल छात्र युवा के अध्यक्ष का रहा — उतर और दक्षिण बिहार का अलग अलग प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए|
ज़ाहिर है , JDU के अलग अलग प्रकोष्ठ के अध्यक्ष बना कर JDU कि शीर्ष नेतृत्व ने एक बड़ा मैसेज देने की कोशिश की गई है. विधानसभा चुनाव में JDU संगठन की कमजोरी खुल कर सामने आई थी जिसकी वजह से पार्टी का हाल गड़बड़ हो गया. पार्टी के कुछ नेताओं के ऊपर बड़ी ज़िम्मेवारी आई लेकिन वो पूरे बिहार में अपनी अहमियत ठीक से जता नहीं पाए नतीजा विधानसभा चुनाव परिणाम सामने है लेकिन अब JDU ने अलग अलग प्रकोष्ठ की ज़िम्मेवारी अलग-अलग नेताओं को देकर ये साफ़ कर दिया है कि जिम्मेदारी लेने वाला नेता पार्टी को ज़्यादा से ज़्यादा समय दे सके जिसकी वजह से पार्टी को भी पूरी मज़बूती मिल सके.