पटना : सेंटर फॉर कैटालाइजिंग चेंज के द्वारा बिहार के तीन जिला औरंगाबाद ,नवादा, और मुजफ्फरपुर में साझा पहल परियोजना चलाया जा रहा है। साझा पहल परियोजना का उद्देश्य है पंचायत प्रतिनिधियों का क्षमता वरदान करना ताकि स्थानीय स्तर पर वो विभिन्न हितधारकों के साथ मिलकर कोविड-19 महामारी के पश्चात उत्पन्न विषम परिस्थितियों जैसे महिलाएं एवं किशोरियों को मातृत्व एवं प्रजनन स्वास्थ्य, घरेलू हिंसा, यौन उत्पीड़न ,बाल विवाह एवं इनसे जुड़े अन्य मुद्दों को लेकर स्थानीय समाधान निकाल सकें . इन विषम परिस्थितियों में उत्पन्न स्थिति में वंचित समुदाय को राहत पहुंचाने के लिए अनेकों प्रयास किया जा रहा है – सैनिटरी पैड बैंक बनाना , जागरूकता समिति बनाकर हिंसा के मामलों पर नजर रखना और सहायता प्रदान करने में मदद करना, सामाजिक न्याय समिति के सदस्यों को सशक्त बनाना । इसी प्रयास के तहत परियोजना के कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण संदर्शिका पर तीन दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण वंदना इन, पाटलिपुत्र कॉलोनी पटना में आयोजित किया जा रहा है। ताकि सभी कार्यकर्ता ग्रामीण स्तर पर जाकर समुदाय के लोगों महिला जनप्रतिनिधियों विकास मित्रों तथा नेहरू युवा केंद्र के संगठनों को प्रशिक्षित कर समाज में लिंग आधारित भेदभाव को खत्म करने घरेलू हिंसा जैसे मुद्दों पर एक्शन लेने पर सजग बनाया जा सके। प्रशिक्षण के दौरान अपनी समझ बनाते हुए यह बातें सामने आई की समाज में लिंग आधारित भेदभाव को खत्म करने के लिए हमें सबसे पहले अपने अंदर इस चीज को खत्म करना होगा ,तभी जाकर हम आगे बदलाव ला पाएंगे। प्रतिभागियों ने इस बात से भी सहमति जताई कोविड-19 के दौरान महिलाओं पर घरेलू हिंसा की संख्या बढ़ गई है। साथ में यह बात भी सामने आई की कई बार हमें पता ही नहीं चलता कि हम अपने बेटा बेटी के बीच में भेदभाव कर रहे हैं। इस बात को भी लोगों ने कहा की कोविड-19 के पश्चात लड़कों की पढ़ाई जारी रखी गई और कई लड़कियों की पढ़ाई को बंद कर दिए। अंत में समेकन करते हुए सभी को यह बात बताया गया कि सामाजिकरण की प्रक्रिया जन्म से शुरू होती है साथ में यह भी बताया गया महामारी ,प्राकृतिक आपदा जैसे हालात महिलाओं पुरुषों के बीच के असमानता को और अधिक गंभीर बना देते हैं .
